अफसरों से सांठगांठ कर बिना अनुमति वन विभाग की जमीन पर डाली जा रही फाइबर केबिल
अफसरों से सांठगांठ कर बिना अनुमति वन विभाग की जमीन पर डाली जा रही फाइबर केबिल
राकेश मौर्य विशेष संवाददाता
लखीमपुर खीरी। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर रेंज के फूलबेहड़ वन चौकी क्षेत्र में सडक किनारे वन विभाग की जमीन पर बिना अनुमति के मोबाइल कम्पनी की फाइबर केबिल डाली जा रही हैं। आरोप है कि मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार द्वारा वन विभाग के अफसरों से सांठगांठ कर वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से फाइबर केबिल डालने का कार्य धडल्ले से किया जा रहा है। शिकायत के बावजूद वन विभाग के अफसर व कर्मचारी कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही करने से कतरा रहे है। जिससे साफ साबित हो रहा है कि वन विभाग के भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत से ही पूरा खेल खेला जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर रेंज की फूलबेहड़ वन चौकी क्षेत्र के मझरा फार्म के पास सडक किनारे वन विभाग की जमीन पर एक मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार देवेन्द्र कुमार द्वारा फाइबर केबिल डाली जा रही है। बताया जाता है कि ऐसे किसी भी कार्य के लिए ठेकेदार या कार्यदाई संस्था को संबंधित विभाग से लिखित अनुमति लेनी होती हैं।
आरोप है कि मोबाइल कम्पनी के गाजियाबाद निवासी ठेकेदार देवेन्द्र कुमार ने वन विभाग से इसकी अनुमति लेना मुनासिब नहीं समझा, वरन् वन विभाग के अफसरों व क्षेत्रीय कर्मचारियों से सांठगांठ कर फाइबर केबिल डालने का काम कराना शुरू कर दिया है।
फाइबर केबिल डलवाने वाले मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार से वन विभाग द्वारा दी जाने वाली परमीशन की कॉपी के बारे में मालूमात की गई तो ठेकेदार ने कहा कि उसके पास परमीशन की कॉपी नही है, शारदानगर रेंजर से परमीशन की कॉपी ले लो। जब शारदानगर रेंजर एनके रॉय से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कोई भी जवाब दिये बिना फोन काट दिया। रेंजर को दोबारा फोन किया गया तो उन्होंने कॉल काट कर अपना मोबाइल फोन ही बन्द कर लिया। जबकि फूलबेहड़ के वन दरोगा व डिप्टी रेंजर संजय आजाद ने तो उक्त जमीन को पीडब्ल्यूडी की जमीन बता अपना पल्ला झाड़ लिया। वही वन रक्षक अनिल कुमार ने भी कोई संतोषजनक जवाब न देकर बडबडाते हुए फोन काट दिया।
फिलहाल अवैध रूप से चल रहे इस कार्य को लेकर फूलबेहड़ के वन रक्षक से लेकर शारदानगर रेंजर तक को जवाब देते नही बन पा रहा है। जिससे साफ पता चलता है कि दाल में कुछ काला नही, वरन् पूरी की पूरी दाल ही काली है।
इस बाबत दक्षिण खीरी वन प्रभाग के नवागत डीएफओ संजय विस्वाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार द्वारा परमीशन के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन अभी तक परमीशन जारी नही की गई है। अगर ठेकेदार ने बिना परमीशन के कार्य शुरू करा दिया है, तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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