कलमी के रवन्ने की आड में धडल्ले से काटे जा रहे देशी आम के पेड


 कलमी के रवन्ने की आड में धडल्ले से काटे जा रहे देशी आम के पेड

राकेश मौर्या विशेष संवाददाता


लखीमपुर खीरी। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज में देशी आम के हरे भरे व बेशकीमती पेडों का अवैध कटान थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग की मिलीभगत के चलते शातिर लकडकट्टे कलमी आम के पेडों के रवन्ने की आड मे देशी आम के पेडों का धडल्ले से अवैध कटान कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ही शातिर लकडकट्टो ने गोला रेंज के जहानपुर व दाउदपुर में वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर क्षेत्र के हरे भरे व प्रतिबंधित पेडों को अवैध रूप से काट डाला है। गोला रेंज में अफसरों की नाक के नीचे सरेआम देशी आम के पेडों को कलमी दर्शा कर बडा खेल खेला जा रहा है।
दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज की अन्देशनगर वन चौकी क्षेत्र में वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों व लकडकट्टों में काफी पुराना गठजोड़ चल रहा है। इसी गठजोड़ के चलते शातिर लकडकट्टे कलमी आम के पेडो का रवन्ना बनवा कर सरेआम देशी आम के पेडों पर सरेआम आरा चला रहे हैं। बीते दिन भी शातिर लकडकट्टों ने दाउदपुर में क्रेशर के पास देशी आम के चौदह हरे भरे व फलदायी पेडों को सरेआम काट डाला है। बताया जाता है कि देशी आम की इस हरी भरी बाग को वन विभाग ने कलमी पेड़ बता कर रवन्ना जारी कर दिया है। इस अवैध कटान की बाबत वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों का कहना है कि क्षेत्रीय लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में सभी पेडों को कलमी दर्शाया है, लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर ही वन विभाग द्वारा रवन्ना जारी किया गया है। इस मामले को लेकर दाउदपुर के लेखपाल आदित्य से बात की गई तो उनका कहना है कि वह अपनी रिपोर्ट में सिर्फ आम के पेडों की संख्या लिखते है, इसके अलावा हम अपनी रिपोर्ट में कुछ भी नहीं लिखते, अगर वन विभाग ऐसा कुछ कहता है तो गलत कहता है।
फ़िलहाल यह तो तय है कि वन विभाग देशी आम के पेडों को कलमी बता धडल्ले से रवन्ना बना कर अवैध रूप से मोटी कमाई करने में जुटे हैं, 
क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि अन्देशनगर वन चौकी क्षेत्र के वन दरोगा व वन रक्षक की मिलीभगत से शातिर लकडकट्टे सरेआम हरियाली को उजाड़ रहे हैं। वन विभाग कैसे देशी आम के पेडों को कलमी में तब्दील करने का 'खेला' कर रहा है। 
सर्वविदित है कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज की अन्देशनगर व रामनगर वन चौकी अवैध कटान को लेकर अक्सर अखबारों की सुर्खियों में रहती हैं। जिस तरह धडल्ले से क्षेत्र की हरियाली को उजाडा जा रहा है, उससे साफ साबित हो रहा है कि वन विभाग के आला अधिकारियों ने भी अवैध कटान में मूक सहमति दे रखी है। अगर ऐसा न होता तो लगातार हो रहे अवैध कटानों पर अब तक अंकुश लग चुका होता ।

Comments

Popular posts from this blog

बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुँचे कांग्रेस पार्टी के के जिला महा सचिव शाक़िर अली अंसारी

लखीमपुर खीरी अतिक्रमण की गिरफ्त में महेवा गंज, जाम से जूझ रहे लोग

पसगवां पुलिस ने दो शातिर लुटेरों को गिरफ्तार कर भेजा जेल