कलमी की आड में देशी आम के पेडों का धडल्ले से हो रहा अवैध कटान
कलमी की आड में देशी आम के पेडों का धडल्ले से हो रहा अवैध कटान |
राकेश मौर्य विशेष संवाददाता
लखीमपुर खीरी। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज में देशी आम के हरे भरे व बेशकीमती पेडों का अवैध कटान थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग की मिलीभगत के चलते शातिर लकडकट्टे कलमी आम के पेडों के रवन्ने की आड मे देशी आम के पेडों का धडल्ले से अवैध कटान कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ही शातिर लकडकट्टो ने वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर क्षेत्र के हरे भरे व प्रतिबंधित पेडों को अवैध रूप से काट डाला है। गोला रेंज में सरेआम हो रहे अवैध कटान पर वन विभाग के आला अधिकारी भी अंकुश नहीं लगा पा रहे है।

जानकारी के मुताबिक ताजा मामला दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज की रामनगर वन चौकी क्षेत्र का है। जहां फूलबेहड़ थाना क्षेत्र के मेहंदी गांव निवासी शातिर लकडकट्टे बशीरुद्दीन उर्फ बशीरे ने जहानपुर गांव में सडक किनारे स्थित देशी आम के करीब आधा दर्जन हरे भरे व फलदायी पेडों को सरेआम काट डाला है। बताते है कि इस बाग में कलमी आम के दो पेड़ तथा देशी आम के चार हरे भरे पेड़ थे। आरोप है कि शातिर लकडकट्टे बशीरुद्दीन ने रामनगर वन चौकी के वन दरोगा से सांठगांठ कर आम के देशी पेडों को कलमी दर्शा कर रवन्ना बनवा लिया तथा वन विभाग के आला अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर सरेआम देशी आम के पेडों पर आरा चला दिया।
क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि यह अवैध कटान रामनगर वन चौकी क्षेत्र के वन दरोगा की मिलीभगत से किया गया है। बताते हैं कि वन दरोगा ने ही देशी आम के पेडों की जगह कलमी आम के पेडों की फोटो लगा रवन्ना जारी कराया गया हैं। जबकि बाग मालिक ने बताया कि उन्होंने इस बाग के दो कलमी तथा चार देशी आम के पेड बेचे थे। जिन्हें उन्होंने तीस हजार रुपए में मेहंदी गांव निवासी लकडी ठेकेदार बशीरे को बेचा था। अब यह बात समझ से परे हैं कि जब बाग मालिक अपने बाग में देशी आम के चार पेड होने की स्वीकार कर रहा है तो वन दरोगा ने सभी पेडों को कलमी कैसे दर्शा दिया ? इससे साफ पता चलता है कि वन विभाग कैसे देशी आम के पेडों को कलमी में तब्दील करने का 'खेला' कर रहा है।
ज्ञात हो कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज की रामनगर वन चौकी अवैध कटान को लेकर अक्सर अखबारों की सुर्खियों में रहती हैं। जिस तरह धडल्ले से क्षेत्र की हरियाली को उजाडा जा रहा है, उससे साफ साबित हो रहा है कि वन विभाग के आला अधिकारी न तो अवैध कटान पर लगाम लगा पा रहे हैं और न ही अपने विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों की कार्यशैली पर अंकुश लगा पा रहे है। वन विभाग की इसी लापरवाही के चलते शातिर लकडकट्टे प्रतिबंधित व बेशकीमती पेडों को सरेआम अवैध रूप से काट कर कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे है।
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